दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को चौथा समन।
अरविंद केजरीवाल 3 जनवरी की पूछताछ में यह कहते हुए शामिल नहीं हुए थे कि ईडी द्वारा जारी समन अवैध थे और उनका एकमात्र उद्देश्य उन्हें गिरफ्तार करना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चौथी बार पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्हें 18 जनवरी को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
ऐसा तब हुआ जब अरविंद केजरीवाल 3 जनवरी की पूछताछ में यह कहते हुए शामिल नहीं हुए कि ईडी द्वारा जारी समन अवैध थे और इसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें गिरफ्तार करना है।
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख श्री केजरीवाल ने 2 नवंबर और 21 दिसंबर के लिए पहले के दो समन पर भी जांच एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।
सीबीआई ने अप्रैल महीने में इसी मामले में आप पार्टी के अध्यक्ष से पूछताछ की थी, लेकिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया था।
इडी द्वारा पहला समन भभेजने के बाद ऐसा देखा जा रहा था थी की अरविन्द केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया जायेगा। आप के तीन नेताओ (मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह ) की गिरफ़्तारी के बाद केजरीवाल की सरकार ऐसी स्थिति की आशंका जता रही थी। वे यहां तक चाहते हैं कि श्री केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहें और जेल से अपना काम करें।
सीबीआई द्वारा बताया गया कि शराब कंपनियां एक्साइज ड्यूटी तैयार करने में शामिल थीं, जिससे कि कंपनियो को 12 प्रतिशत का मुनाफ़ा होता। एक शराब लॉबी जिसे “साउथ ग्रुप” कहा जाता था, ने रिश्वत का भुगतान किया था, जिसका एक हिस्सा लोक सेवकों को दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने रिश्वत की हेराफेरी का आरोप लगाया।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि कथित घोटाले की आय का इस्तेमाल AAP ने गुजरात में अपने बड़े पैमाने के अभियान को वित्तपोषित करने के लिए किया था, जिसमें उसे 12.91 प्रतिशत वोट मिले और खुद को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित किया।
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